Monday, October 30, 2017

चौतीस साल का साथ

चौतीस साल का साथ
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चौतीस साल का साथ,
उबड़-खाबड़ राह
सुख-दुख, घाव-दर्द
शूल भरी ज़िंदगी की राह
भरोसा और उछाह
जीवन बगिया के पुष्प सुहाने
कुसुमित अपनी आस........
चौतीस साल का साथ
माँ-बाप का आशीष साथ
दौलत की गठरी में भले रहे
छेद बहुतेरे
कुसुमित कर्म सफल सत-फेरे
ना था वैभव ना विरासत कोई
माँ बाप से मिली 
संस्कार -ज्ञान की पूँजी
बस यही 
ना कोई दौलत दूजी
ज्ञान संस्कार की डोर थामे
बढ़ते रहे जीवन सफर 
सकूं ,सफल जीवन ,कुसुमित चमन
माँ-बाप, गुरु भगवान तुम्हें नमन........
चौतीस साल का साथ
मान सम्मान कुसुमित स्व-मान
रिश्ते की गाँठ अटूट
गठरी में समाए उम्मीदों के
अनमोल रत्न
मन में उछाह गृह लक्ष्मी का
कुसुमित साथ
हंसता-खेलता परिवार
घर अंगना में बसंत बयार
श्रम से सुशोभित सपने
दो तन एक सांस अपने
पावन दिवस पांच मई 
हे कल्याणी जीवन बगिया की नूर
तेरा स्वागत अभिनंदन
आओ करे
माँ-बाप, गुरु भगवान का वंदन.....
डॉ नन्दलाल भारती
04/05/2017
(वैवाहिक जीवन चौतीस साल के पूर्व प्रातः पर मन के उदगार)

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