Monday, August 9, 2010

मेरी गली

मेरी गली में ..
मेरी गली में
कभी कभी
आया करो ,
दीन की ड्योढ़ी पर
पाँव पखारा करो ।
पसीने से नहाया,
आशियाना हमारा
मुश्किलों के दौर
जाने जग सारा ।
परिश्रम की रोटी
सोधापन खूब सारा ।
भारती अतिथि देवो
पर यकीं हमारा
मेरी गली में ,
कभी-कभी
आया करो.......नन्दलाल भारती ०९.०८.२०१०

1 comment:

  1. aapki rachna bauni kasmen yahan bhi hai ....


    http://charchamanch.blogspot.com/2010/08/241.html

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